भ्रष्टाचारी बना बंदर हास्य व्यंग
डॉ एच सी विपिन कुमार जैन" विख्यात "
भ्रष्टाचारी एक बंदर ने,
चश्मा लगाते हुए कहा ।
उस पीडित काले कौवे को,
उड़ा दो ।
इस ही डाल पर बैठा बैठा, कांव कांव करता है ।
यही है वो,
जो भ्रष्टाचारियों की सूचना देता है।
सांठ-गांठ है,
किसकी, खबरें देता है।
तीन थे पहले,
अब भ्रष्टाचारी सात हो गए हैं।
सभी भ्रष्टाचारी साथ हो गए।
कमाई हो मोटी, ढूंढो कोई तरकीब ।
सभी भ्रष्टाचारी एक राह के राहगीर हो गए।