ख्वाहिशों का वही जो जिन्दगी का हाल।
उसके मेरे दरमियाँ कुछ हादसो का जाल।।
घिरने के बावजूद कशमकश में जान मेरी।
आँखों में आँसुओं का सैलाब दिल बेहाल।।
चाहतों का समुन्दर डूबने का डर 'उपदेश'।
आशाओं के बादल उम्मीद हुई है बदहाल।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद