रिश्तों को नाम नहीं मान चाहिए
वो कहते थे
रिश्ता तो सिर्फ हमनें निभाया
तुमको तो यह रिश्ता कभी समझ ही नहीं आया
यदि रिश्ता तुमने निभाया
तो उसने तुमसे अपने दिल की दो बातें क्या कही
तुमने तो उसे अपनी महफिलों में उड़ा दिया
अपने को अच्छा और उसको बुरा बना दिया
फिर भी तुम कहते हो
कि रिश्ता तुमने निभाया
बेशक उसने रिश्ते को कोई नाम नहीं दिया
पर तुम्हें अपना माना तो ही तुम्हें अपने दिल का हाल सुनाया
और तुमने रिश्ता कहाँ निभाया सिर्फ़ रिश्ते को बदनाम किया ..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




