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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

जी हां जनाब

ज़िंदगी दर्द पर दर्द दिए जा रही है
और आप कहते हैं कि जो भी हो
हमेशा मुस्कुराते रहिए,
जी हाॅं जनाब हम खुद भी यही करते हैं।
दर्द तो ख़त्म होंगे नहीं पर शायद कुछ तो
सुकून मिल जाए,
इसीलिए हमेशा चेहरे पर ऐसी मुस्कान लिए
फिरते हैं मानो कभी गमों ने हमे छुआ ही नहीं।।

ज़िंदगी रुलाए जा रही है
और आप कहते हैं कि हमेशा हॅंसते
और हॅंसाते रहिए,
जी हाॅं जनाब हम भी यही करते हैं।
हॅंसने का नाटक करते - करते अब तो
हॅंसने के इतने आदी हो गए हैं
कि बिना हॅंसे हम रह नहीं सकते हैं।।

ज़िंदगी थकाए जा रही है
और आप कहते हैं कि मज़बूत बने रहिए,
जी हाॅं जनाब हम भी यही करते हैं।
बहुत कुछ सहते - सहते इतना मज़बूत हो गए कि
अब सिर पर पहाड़ गिर जाए तो
उसे भी थाम लेंगे।।

🌼 रीना कुमारी प्रजापत 🌼




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Lekhram Yadav said

बहुत ही सुंदर एवं सकारात्मक रचना, आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार मेरी प्यारी बहना। बस आप अपना हौंसला बनाए रखें।

वन्दना सूद said

अब सिर पर पहाड़ गिर जाए तो उसे भी थाम लेंगे।।👏👏बहुत सुंदर शब्दों के साथ positive विचार

श्रेयसी said

बस इसी विचार के साथ हमें बढ़ना चाहिए। बहुत सुंदर।🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

मज़बूत बने रहिए bilkul usi tarah jis tarah bani hui hain, ek sakaratmk soch evam jeewan shaili ko pradarshit karti huyi rachna, Adarneey ko saadar Pranam 🙏🙏

कमलकांत घिरी said

बहुत खूब रीना दीदी बस ऐसी ही रहना वक्त एक दिन जरूर बदलेगा👍👏💐🙏प्रणाम🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

हां भाई😊

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