यदि तुम्हें मुझसे मौहब्बत है
तब तुम्हें अपने ख़्वाबों सी, मेरी मूरत तराशनी होगी।
यदि तुम्हें मुझसे मौहब्बत है,
तब तुम्हें मेरी सादगी में ही, सुंदरता तलाशनी होगी।
यदि तुम्हें मुझसे मौहब्बत है,
तब तुम्हें मेरे बेरंग लबों पर, उगते सूरज सी लालिमा बिखेरनी होगी।
यदि तुम्हें मुझसे मौहब्बत है,
तब तुम्हें मेरे ह्रदय में प्रेम की ज्योति जलानी होगी।
यदि तुम्हें मुझसे मौहब्बत है,
तब तुम्हें मेरे ह्रदय की वीणा पर कोई धुन, कोई लय निकालनी होगी।
यदि कर सको तुम, प्रियतम, ऐसा —
तब हमारा मिलन आत्मिक होगा,
पूरी होगी तब हमारी प्रेम की अभिलाषा,
और हमारा जीवन सुखमय होगा।
— सरिता पाठक