अगर लग जाती है तो लत नहीं जाती
लाख कोशिश करें आदत नहीं जाती।
अपना किरदार अक्सर हमें आइना दिखाता है
जिंदगी मे हमारे सामने एसा भी वक्त आता है
आपकी अदाकारी बहुत खूब है
आपकी वफादारी बहुत खूब है
आपका हो जाता है मिलता है जो
आपकी तो हयादारी बहुत खूब है।
आपसे मिलकर हमेशा अपने से दूर गए हम
बेखुदी इतनी बढ़ी कि खुद को भूल गए हम।
सब कुछ उसको दे दिया फिर भी हम ख़ामोश हैं
दुनिया की नजरों में फिर भी अहसान फरामोश हैं ।
उन्हें हम अपने जख्म दिखाएं कहां तक दास
जिन्होंने कुछ भी ना देखने की कसम खाई है।
मन्दिर भी जाते हैं हम मस्जिद भी जाते हैं
भगवान के दर पे अपना सर को झुकाते हैं।
कोई भी फूल खिलता है उसे तोड़ा नहीं करते
गर सजदे में है कोई तो उसे रोका नहीं करते...
हर जगह बैठे हुए हैं मिट्टी के पुतले
मन हैं काले पर तन हैं बहुत उजले
दम खम नहीं बस इनकी अकड़ है
शेर ये कागजी दास सब हैं खोखले
अच्छी तरह से आपको हम जान गए हैं
आप क्या हैं अच्छी तरह पहचान गए हैं
लोग जो कहते हैं शायद सब कुछ झूठ है
आप बड़े तीरअंदाज हैं ये हम मान गए हैं ।
प्यार का जबसे प्याला हो गया है
बहुत मीठा हर निवाला हो गया है
सारा अंधेरा छंट गया है दास अब
हर तरफ ही यूं उजाला हो गया है।