आपकी आंखें भरी - भरी क्यों लग रही है ?
मुझसे इतना प्यार करते हैं क्या ?
आपका चेहरा इतना उदास क्यों है ?
मेरी इतनी फ़िक्र है क्या ?
आपकी आंखों से आंसुओं के साथ
पूरी कहानी झलक रही है,
ज़ुबां से आपके लफ़्ज़ नहीं निकल रहे हैं।
एक टक देखे जा रहे हैं मुझे बस रोते हुए,
मेरे दर्द को अपना दर्द समझते हैं क्या ?
कह दीजिए ना आज जो भी कहना है,
क्यों होंठों को सिए हुए हैं ?
ये फ़िक्र ना कीजिए कि देर हो गई बहुत,
अभी भी कुछ तो वक्त है
जज़्बात - ए - दिल बता हमे
अब तो सुकून दे दीजिए।
🖊️ रीना कुमारी प्रजापत 🖊️
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




