धुआं हूँमैं हवा में मिलने दे मुझे
अपनी ही आग में जलने दे मुझे
हमदर्द बनके मिलते है लोग मुझे
दर्द ए हमरुहहो लेने दे मुझे
बीत गया अरसाजिंदगी से मिले
अब कोई तो मौत से मिलने दे मुझे
मिले जब भी दुश्मन मिले मुझे
है जो नसीब में मिलने दे मुझे
है कौन अपना इस दुनिया में अब
मत बता कुछ और जी लेने दे मुझे
है आग उसके घरमें लगी हुई
जल रहा हूँ मैं , बुझा लेने दे मुझे