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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

हम कैसे है ?

हम कैसे हैं ?
ये तुम क्या जानोगे ?
हम खुद ही खुद को समझ नहीं आते हैं,
तो फिर तुम क्या हमे समझोगे ?

हमे समझना नामुमकिन तो नहीं
पर थोड़ा मुश्किल ज़रूर है,
ऐसे है हम कि
अपने दुश्मन को भी गुमसुम देख नहीं पाते हैं।
वो हमे दर्द देकर खुश होता है तो
दुःखी हो लेते हैं क्योंकि हमे दर्द मिल रहा है,
पर जब उसे दर्द मिलता है तो
उसका वो दर्द हमसे सहन नहीं होता है और
हम और भी ज़्यादा दुःखी हो जाते हैं।

पता नहीं कैसा दिल दिया हमे रब ने,
कि उसका उतरा चेहरा हम देख नहीं सकते हैं।
ये जानते हुए भी
कि उसका चेहरा तो तभी खिलेगा जब वो हमे
रुसवा करेगा,
फिर भी उसके चेहरे पर मुस्कान की दुआ हम
हमेशा करते हैं।
~रीना कुमारी प्रजापत








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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

अर्पिता पांडेय said

Waah

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks

Kapil Kumar said

व्यक्ति को ऐसा ही होना चाहिए जो किसी का दुख देखा ना पाए तो एक दिन ऐसा आएगा कि भगवान भी आपका दुख देख नहीं पाएंगे अपने आप को हमेशा ही अच्छा रखें

रीना कुमारी प्रजापत replied

जी बिल्कुल कपिल जी शुक्रिया

Vadigi.aruna said

Very nice mam

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks

Lekhram Yadav said

बहुत सुन्दर रचना नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत replied

नमस्कार, धन्यवाद!

कमलकांत घिरी said

बहुत ही उम्दा लिखीं दीदी जी 👌👌 🙏प्रणाम🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

प्रणाम शुक्रिया

अभिषेक मिश्रा said

रीना जी, आपकी यह अभिव्यक्ति सिर्फ़ कविता नहीं,
एक ऐसी आत्मा की आवाज़ है जो टूटकर भी औरों की ख़ुशी माँगती है।
आपके शब्दों में जो संवेदना और आत्मनिरीक्षण है,
वह एक सच्चे रचनाकार की पहचान है।

जो औरों के दर्द में रोते हैं,
वो अक्सर खुद से भी नहीं होते हैं…

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji bilkul shi pahchana abhishek ji apne बहुत बहुत शुक्रिया आपका 🙏

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