बने राष्ट्रभाषा हिंदी यह है संकल्प हमारा,
हिंदी के प्रतिभा मंडल का फैल रहा उजियारा।
हिंदी के हाथों के कंगन जब जब बजे उठते हैं,
सूरज चांद सितारे नभ में महाकाव्य लिखते हैं।
विश्व हिंदी दिवस मनाता है देखो जग सारा।
बने राष्ट्रभाषा हिंदी यह है संकल्प हमारा।
हिंदी का प्रदीप मुख मंडल चमक रहा है ऐसे,
उदयांचल में देव दिवाकर दमक रहा है जैसे।
विश्व भाषा होगी हिंदी यह विश्वास हमारा।
बने राष्ट्रभाषा हिंदी यह है संकल्प हमारा।
किसी गीत के भावों जैसा सुंदर है कोमल है,
हिंदी माता के शब्दों का रेशम सा आंचल है।
विश्व पटल पर हिंदी छाई यह सौभाग्य हमारा।
बने राष्ट्रभाषा हिंदी यह है संकल्प हमारा।
इस जग में कोई भी अक्षर ऐसा कहीं नहीं है ,
जो हिंदी के सुंदरतम हाथों में सजा नहीं है ।
हिंदी विश्व भाषा होगी है विश्वास हमारा।
हिंदी को अपनायेंगे हम है संकल्प हमारा।
बने राष्ट्रभाषा हिंदी यह है संकल्प हमारा,
गीतकार अनिल भारद्वाज एडवोकेट उच्च न्यायालय ग्वालियर मध्य प्रदेश, भारत मोबाइल .९८२७३०४०३०.

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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