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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

हास्य कविता - लुजमोशन....

हास्य कविता- लुजमोसन....
कविता के माध्यम से
डाल रहा रोशन
किसी को भी न हो
कभी लुजमोशन

बताता हूं कहानी
न करते हुए देरी
बहुत साल पहले की
है एक बात मेरी

लुजमोसन चलते
चलते स्कूल को चला
बेंच पर बैठा ही था कि
मलद्वार से मेरे .......निकला

मेरे लिए मुसीबत
हो गई बहुत बड़ी
50 लड़के लड़कियों में सर की
नजर मुझ पर ही पड़ी

सर बोले, होम वर्क करके
आए यहां जल्दी आओ
ढंग से किया या नहीं
जरा हम को दिखाओ

मैं होम वर्क दिखाने हेतु
बेंच से उठा जभी
कलास के लड़के लड़कियां
हंसने लगे सभी

क्यों की थी मेरी
हालत बहुत ढीली
मेरी थी पैंट गीली
बेंच भी थी गीली

उस बखत की ये बात
सत्य और सही है
आगे की हालत मेरी
बताने लायक नहीं है
आगे की हालत मेरी
बताने लायक नहीं है .......




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

Bhushan Saahu said

😂😂😂 बहुत सुंदर लिखा आपकी रचना पढ़कर मैं भी हंसा और मेरे घर वाले भी

नेत्र प्रसाद गौतम replied

नमस्कार भूषण साहू जी मेरी इस रचना को आपने प्रशंसा कर मुझे आगे बढ़ने में प्रेरित कर रहे हैं इस के लिए आप को बहुत बहुत धन्यवाद।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Uttam rachna yeh kisi ke bhi sath ho sakta hai aur yah kahna uchit hoga ki adhiktar ke sath hota hai, that's a nature call aapne sanymit shabdon m ise sanjoya hai uske liye aapko bahut badhayi ho shrimaan,, shabdon ka sanyam m rahna aapki dusri anokhi kala hai

नेत्र प्रसाद गौतम replied

नमस्कार अशोक कुमार पचौरी जी आप ने मेरी ऐसी लेख को भी इतनी अच्छी तरह से प्रशंसा करके मेरा हौसला बढ़ाया इसके लिए आप को बहुत बहुत धन्यवाद।

फ़िज़ा said

हंसते-हंसते लोटपोट करने वाली रचना😂🤣

नेत्र प्रसाद गौतम replied

नमस्कार डा. फिज़ा जी प्रशंसा के लिए आप को विशेष धन्यवाद।

Updesh Kumar Shakyawar said

पढते हुए आगे के भाव गुदगुदाने लगे बोलकर पढने से करीबी मुस्कुराने लगे जैसे जैसे रचना आगे बढी चलचित्र सी 'उपदेश' ही न हँसे सब खिलखिलाने लगे

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