आत्म से यारी हमारी हो गई है
कोई ना था ना है समझदारी हो गई है
आत्म से यारी हमारी हो गई हैं....
खुदा ने तराशा जब पत्थर को
वो हिरा बन के अमूल्य हो गया है
आत्म से यारी हमारी हो गई हैं
ठुकराया ज़माने ने हमें हर बार हैं
थामा रब ने तो रिश्ता पक्का हो गया है
आत्म से यारी हमारी हो गई है
मैं करूं तो मैं हूं सच्चा ऐसा संसार कहता है
सौंप दिया सब तो हँसकर जीना आ गया है
आत्म से यारी हमारी हो गई है
रूठना नहीं किसी से, ना मनाना है
कौन भला अपना सत्य स्वीकार हो गया है
आत्म से यारी हमारी हो गई है