रिश्ते हसीन है बन्धन हो जरूरी तो नही।
हर एक रिश्ते में फेरे हो जरूरी तो नही।।
शाम ढल जाती सुबह खूबसूरत होती।
रात अँधेरी ही हो कोई जरूरी तो नही।।
देखने वालों की परवाह अब कौन करता।
नजर की नजर से बात हो जरूरी तो नही।।
बाहों मे बाहें दिल से दिल करीब आ गए।
मोहब्बत उनसे अटूट हो जरूरी तो नही।।
चाँद काले बादलो से झाँकने लगे 'उपदेश'।
फरमाने की कोई वज़ह हो जरूरी तो नही।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद