रिश्तों का खूबसूरत संगम
कुछ सालों बाद
आज फिर अपनों की महफिल सजी,
बातों की गूँज से आँगन चहका,
हँसी मज़ाक से घर फिर से जगमगा उठा।
कुछ ख़ामोश आवाज़ें भी थीं,
जो गुज़रते वक्त में पीछे छूट गईं,
एहसास उनका हवाओं ने थाम लिया था,
पर आँखों की उदासी अब भी उनका इंतज़ार कर रही थी।
कुछ नयी मुलाकातें भी थीं,
आज अनजाने चेहरे अपने बन गए,
यादों की किताब में नयी यादें जुड़ गईं,
आज फिर से अपनों की महफिल सज गई।
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




