‘हाथों की लकीरें’
हाथों से ही कामयाब होते हैं हम,
इनसे ही ज़िन्दगी को मुकम्मल बनाते हैं ,
हमारे वजूद की पहचान इन्हीं से ,
वक़्त बदलने की हिम्मत इन्हीं से ,
फिर भी ‘हाथों की लकीरों’को अहमियत देते हैं हम,
जिन्हें मुट्ठी में दबा कर रखते हैं हम !!
वन्दना सूद