तारीख पर तारीख हमें न दे हाक़िम l
तूँ जो एवज में चाहता है उसे ले हाकिम l
तूँ माल -ए -मुफ्त -ए -बेरहम है माना,
अरे थोड़ा तो रहम कर ले हाकिमl
तेरी डिमांड के सापेक्ष मेरी हैसियत कम है,
तूँ चाहे तो तफसीस कर ले हाक़िमl
मुआवजा मेरी ग़रीबी का मुक़म्मल कहाँ है,
भटक रहा हूँ फरियाद ले -ले हाकिमl
मुफलिसी के घर में है ठिकाना मेरा,
जेबें मरहूम हैं तो क्या दें -लें हाकिमl
ले जान रखता हूँ तेरी हथेली पर,
तूँ चाहे तो बख्स दे या इसे मले हाक़िमl
सियासत दान का हाथ है तेरे माथे पर,
तूँ चाहे लो किसी की जान ले ले हाकिमl
अंतिम अर्ज है इस कर्ज के नोटों के साथ,
इसे ले, काम कर और मान ले हाक़िम l
-सिद्धार्थ गोरखपुरी


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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