बदला व्यावहार वज़ह कुछ भी हो।
उनके यहाँ भी बारिश कभी भी हो।।
ज़ख्म भरने से पहले वो सहलायेगे।
इस तरह का बदलाव कभी भी हो।।
नाजुक घड़ी है उनके लिए मेरे लिए।
कोई देगा उन्हें सुझाव कभी भी हो।।
खुली आँखों के ख्वाब रोकेंगे आज।
आयेगा उनका जबाव कभी भी हो।।
ना मिलने वाले भी मिलेगे 'उपदेश'।
नेकी करने का हिसाब कभी भी हो।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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