हम जानते हैं बिना घात अब गुजारा नहीं दुनियां में
किसी की राह का पत्थर बनें गवारा नहीं दुनियां में
कहेंगे जो भी है कहना यहाँ खुले दिल से हम सदा
सुनेंगे सबकी पर देखेंगे कोई इशारा नहीं दुनियां में
दाल में काला नजर आये भी क्यों आये किसी को
समूची दाल काली है दाल मे काला नहीं दुनियां में
फरिश्ते बैठते ही मसनद पे बन गए शैतान खुद ही
अपने माजी का उन्हें अब है सहारा नहीं दुनियां में
तुम्हारे सामने अब दास कोई चारा ही नहीं बचता
मान ले अब तेरा कोई भी मसीहा है नहीं दुनिया में