हृदय ना दुखाया करो अपना इस तरह।
कि रब आपके साथ है कब से ही।
यकीन मानों हर पल का शुकराना किया करो।
खुशियां मिलेंगी आपको तब से ही।
जो अच्छा दिया रब ने उसका शुकराना किया करो।
जो बुरा दिया वो ज़िंदगी का सबक था आपकी।
सीधा हो पेड़ तो जल्दी काट दिया जाता है ।
कठिनाइयां ही सिखाती हैं ज़िंदगी को तलब थी और है जाप की।
उठते-बैठते चलते-फिरते खाते-पीते रहते-सहते।
प्रभु का स्मरण किया जाएगा तो भाग्य जाग जाएगा आपका।
जिसमें भी प्रीति हो देवी में देवता में आह्वान करो उनका।
प्रभु बुलाने पर आ जाते हैं दिखाने अपने बच्चे को रास्ता।
परमात्मा के चरणों से लगकर कभी रो देना खुलकर उनके सामने।
आपके साथ प्रभु भी रो पड़ेंगे चुप कराने का स्वयं देंगे कोई वास्ता।
जब भी कभी हावी होने लगे इस दुनिया के मायावी राक्षस।
याद रखना परमात्मा सदैव ही है आपका।
_____मनीषा सिंह