जब छाया गिरती है, और आवाजें धीमी पड़ जाती हैं,** मेरी कलम बनी रहती है, एक वफादार परेड। एक मूक दोस्त, एक मार्गदर्शक प्रकाश, मेरी कलम और मैं, सबसे अंधेरी रात में। यह मेरी आत्मा से बात करती है, यह मेरी दलील साझा करती है, मेरी कलम, मेरा जीवन, और मेरा सब कुछ।
Dev malviya✍️.......