घर बाहर क्या रखा घर में सुकून पाओगे।
दरवाजे पर घंटी दबा कर उसे बुलाओगे।।
मेरे जैसे बनने में थोड़ा वक्त लगेगा यारा।
आईना शर्मायेगा आँख से आँख लड़ाओगे।।
बेचैनी बढ़ जाएगी याद किसी की आएगी।
मेरी ग़ज़ल के मतलब 'उपदेश' समझाओगे।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद