सपने में सपना देखा था
सपने में कोई अपना देखा था,
थे लाखों इंसान सपने में,
पर मेरी नजरों ने तो सिर्फ उसे देखा था,
जब देखा तो देखने की चाहत और बढ़ गई,
मुकद्दर ने चाहा और उनसे मुलाकात हो गई,
टूट जाता है सपना आंख खुलते ही,
पर उनसे हमारी हकीक़त में बात हो गई।।
– सुप्रिया साहू