पेड़ पर लटकी हुई जल की बूँद सा है हमारा जीवन
पर,भावनाएँ हमारी सागर की लहरों से भी ज़्यादा गहरी हैं
सुख दुख को कारण बना हर क्षण विचलित रहते हैं
एक पल जिससे प्रेम अगले पल उसी से द्वेष करते हैं
काम,क्रोध,लोभ,मद,मोह हमारे घर के पाँच चूहे हैं
जो सबने स्वयम् को नष्ट करने के लिए स्वयम् ही पाले हैं ..
वन्दना सूद