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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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कविता की खुँटी

                    

ग़ज़ल

जाने किन ख्यालों में रहता खोया वो,
लगता है कईं बरसों से नहीं सोया वो।

आवारा समझते थे सब लोग जिसको,
बोझ जिंदगी भर चुपचाप ही ढोया वो।

जनाज़ा निकाल के अपनी खुशियों का,
तन्हा श्मशान में फुट-फुट के रोया वो।

चलते-चलते लहूलुहान हो गए जब पैर,
काँटे सारे उठा बीज फूलों के बोया वो।

किसी को बता के अपना गम क्या करे,
ग़ज़ल में लफ़्ज़ आँसुओं के पिरोया वो।
🖊️सुभाष कुमार यादव




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

सरिता पाठक said

ह्रदय se निकली बहुत ही ह्रदय स्पर्शी मार्मिक रचना, जनाजा निकाल के अपनी खुशियों का श्मशान मे फूट फूट कर रोया वो, ग़ज़ल मे लफ्ज आंसुओ के पिरोया वो खूबसूरत ह्रदय विदारक ग़ज़ल 👌👌👏👏🙏

सुभाष कुमार यादव replied

प्रतिक्रिया के धन्यवाद पाठक मैम।🙏🙏

Lekhram Yadav said

बहुत खूबसूरत और दिल को छू लेने वाली रचना,आपको सादर नमस्कार

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद सहित सादर प्रणाम यादव सर।🙏🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! बहुत ख़ूब! बे-मिसाल ग़ज़ल! 👌👌👏👏

सुभाष कुमार यादव replied

शुक्रिया परवेज़ सर।🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए भी अपनी मौलिकता बरकरार रखना जिंदगी की खूबसूरती है। दिल में समा जाने वाली खूबसूरत ग़ज़ल 👌👌👌 सुभाष जी नमस्कार 🌹🙏

सुभाष कुमार यादव replied

प्रतिक्रिया के धन्यवाद सहित सादर प्रणाम समदिल सर।🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Waah aadarneey Yadav sir...behtreen ghazal...itni saumyata ke saath me shandaar shabdkosh ke motiyon ka avishwasneey prayog karte huye ek behtreen ghazal ka nirmaan kiya hai aapne...jise padhkar man harshit hogaya evam ek insaan ki jeewan yaatra ke utaar chadhaav m hone wale bhavon ka bhi bodh ho aaya...
Mera saadar pranam sweekar karein Aadarneey yadav sir ji 🙏🙏

सुभाष कुमार यादव replied

समीक्षा के लिए धन्यवाद सहित सादर प्रणाम पचौरी सर।🙏🙏

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