कुरुक्षेत्र के मैदान में,
अर्जुन हुआ निराश।
धर्म और अधर्म का संघर्ष,
मन हुआ व्याकुल, आश।
श्रीकृष्ण हुए सारथी,
दिया ज्ञान का प्रकाश।
गीता का उपदेश दिया,
जीवन का सच्चा रास्ता।
कर्मयोग का मार्ग बताया,
त्याग और वैराग्य का ज्ञान।
मोह-माया से मुक्त होने का,
दिया उपाय अचानक।
कर्म करते रहो निष्काम भाव से,
फल की चिंता मत करो।
कर्मफल का अधिकारी नहीं,
कर्म ही तेरा धर्म है।
अहंकार को छोड़ दो,
ईश्वर में विश्वास रखो।
सब कुछ ईश्वर की लीला है,
यह सत्य को जान लो।
मृत्यु निश्चित है,
जीवन अनश्वर है।
शरीर नश्वर है,
आत्मा अमर है।