अब फरियाद क्या है ?
और फरियाद किससे करे
वो बेरहम बन गई है,
फिर उससे रहम की उम्मीद क्या करे ?
वो कैसी थी और अब कैसी बन गई है ?
वो पल भर में कितना बदल गई है
ताज़्जुब की तो कोई बात नहीं उसके छलावे से तो
पहले से ही वाक़िफ़ थी मैं,
पर फिर भी बड़ा ताज़्जुब होता है
कि वो क्या से क्या हो गई है।
कोई इंसान इतना गिर सकता है ये तो ना सोचा था मैंने,
पर वो ऐसा करेगी इससे वाक़िफ़ थी मैं।
इंसान को एक नज़र में पहचानने का हुनर रखती हूॅं,
तभी तो वो जो कर रही थी और जो करने वाली थी
उससे अनजान नहीं थी मैं।
💫 रीना कुमारी प्रजापत 💫