New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

फरियाद क्या करे ?

अब फरियाद क्या है ?
और फरियाद किससे करे
वो बेरहम बन गई है,
फिर उससे रहम की उम्मीद क्या करे ?

वो कैसी थी और अब कैसी बन गई है ?
वो पल भर में कितना बदल गई है
ताज़्जुब की तो कोई बात नहीं उसके छलावे से तो
पहले से ही वाक़िफ़ थी मैं,
पर फिर भी बड़ा ताज़्जुब होता है
कि वो क्या से क्या हो गई है।

कोई इंसान इतना गिर सकता है ये तो ना सोचा था मैंने,
पर वो ऐसा करेगी इससे वाक़िफ़ थी मैं।
इंसान को एक नज़र में पहचानने का हुनर रखती हूॅं,
तभी तो वो जो कर रही थी और जो करने वाली थी
उससे अनजान नहीं थी मैं।
💫 रीना कुमारी प्रजापत 💫








समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Lekhram Yadav said

बहुत सुन्दर रचना। कीप इट अप मेरी प्यारी बहना।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanku so much

Muskan Kaushik said

Koi kya kar rha ha aur kya krne ki kosis kr rha ha. ye hame phle se pta hota ha. Pr maja to tab aata ha jab samne bala jhut bol rha ho aur hame sach pta ho. Tab to itni hasi aati ha ki waah...😄😄

रीना कुमारी प्रजापत replied

100 फ़ीसदी सच कहा मुस्कान जी आपने

रमेश चंद्र said

Ye to jivan ha yha ache bure har tarike ke log milnge. Bas aapko khud pr viswas krna ha logo pr nahi.

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji bilkul

Vineet Garg said

बहुत अच्छी रचना मगर आप लोगों पर विश्वास ना करें तो अच्छा है यहां से मतलब के लिए बैठे हैं कोई रिश्तो की कदर नहीं करता

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji shi kha aapne

कमलकांत घिरी said

वाह रीना दीदी बहुत खूब लिखा आपने सच कहा इंसान की फितरत पल भर में बदल जाती है..👌👍👏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

जी शुक्रिया

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन