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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

अन्नदाता - अशोक कुमार पचौरी



जी का जंजाल होगया है,
बहुत बुरा हाल होगया है,
कभी रोते देखा नहीं जिसको,
कहीं छुपकर आज रो गया है,

कभी अखबारों में
पढ़ने को मिलती थी
कुछ मनहूस खबरें
अन्न दाता नहीं रहा
बाड़ ने फसल डूबा दी
लटक गया फंदे पर
क्यों लटका होगा
यह तब समझ में आया
'एक बार अपनी फसल भी
टिड्डियों ने बर्बाद कर दी,
सरकार की तरफ से
मुआवजा मिलना था,
बहुत दिनों तक
ढोंग ढकोसले चले
सरकारी बाबू आये गए
खेतों की जाँच हुयी,
बैंक अकाउंट डिटेल भी ली गयीं,
मुआवजे वाला दिन आया,
प्रति बीघा २०० रुपये,
सरकार ने मुआवजा दिलवाया,
दिल दहल गया,
सरकार की दरियादिली देख कर,
पैसों का क्या है पैसे तो आते जाते रहेंगे,
मैं दुखी था पापा को दुखी देख कर,
मन में विचार कौंधे थे ऐसे,
नहीं कौंधने थे,
पर पापा की हिम्मत के आगे
मैं नतमस्तक
कल भी था, आज भी हूँ
और हमेशा रहूँगा'
लेकिन बड़ा हैरान हूँ
पहले जो मनहूस खबरें आती थी,
मनहूसियत कहीं गयी नहीं,
पर अख़बारों में
उनके लिए जगह रही नहीं
ऐरे गेरे विज्ञापन
ऐरे गेरे नेता
उनके कागजी काम
इसके अलावा कुछ भी नहीं अख़बारों में
बस नेताजी का नाम
हाय रे अन्नदाता
भाग्य विधाता
तुझे शत शत प्रणाम!!
शत शत प्रणाम!!

----अशोक कुमार पचौरी


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सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

+

Lekhram Yadav said

बहुत सुन्दर सर आप इक्कीस तोपों सलामी स्वीकार कीजिए। प्रणाम।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Dhanywaad sahit abhaar pranam yadav sir 🙏🙏

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