भृगुवंशी जमदग्नि और रेणुका ने पुत्र धरती पर लाए।
विष्णु जी के छठवें अवतार पर परशुराम कहलाएँ।।
अति उत्तम कुल में जन्म लेकर राम नाम पाए।
शिव भक्त अंहकार विध्वंशक जामदग्न्य कहलाए।।
शिव धनुष-परशु धारण कर परशुराम नाम बढ़ाए।
पाप आतंक और अत्याचार से धरती को बचाए।।
पितामह भीष्म और कर्ण को शस्त्र ज्ञान कराए।
सहस्त्रबाहु की सहस्र भुजा क्षण में गिराए।।
----उषा श्रीवास वत्स