वक़्त निकल जायेगा यारो इम्तेहानों में क्या
इल्जाम ही देते रहोगे हर बातो पर क्या
मेने कोशिशे तो की पर ना-गवार गुजरी
कोई कमी रहेगई थी मेरी जुबान में क्या
मुझको आजतक किसी ने कभी टोका नहीं
ये रिवाज हे सभी घर-परीवार में क्या
तुम खुदको समजते हो दुसरो से अलग
कोई नुक्स रहे गया हे तुम्हारे दिमाग में क्या
अब शाम होने आई दुकान बंध ना करना
भटके हुये आयेंगे तो खाली हाथ जायेंगे क्या
के बी सोपारीवाला

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




