कापीराइट गजल
इक राज नया अंधेरों से यूं छुपाया हमने
चिरागों की जगह दिल को जलाया हमने
बातों को बदलने का हुनर न आया हमको
सादगी से हर बात को यूं छुपाया हमने
बदनामियों का इल्म तो आता है जमाने को
हर इल्म से फिर खुदको यूं बचाया हमने
कांटे भी होते हैं जिन फूलों के साथ-साथ
उन्हीं कांटों से घर अपना सजाया हमने
लुटाए हैं यहां हमने अपने प्यार के दरिया
जमाने की नफरतों को गले लगाया हमने
उजालों में नहीं बसती है ये प्यार की दुनियां
अब अंधेरों से इस दिल को सजाया हमने
जल उठते हैं सब चिराग, रौशनी के यहां
आशियां ये जिस जगह पर बनाया हमने
यह जमाना हम से है, हम जमाने से नहीं
खुद एहसास यह फिर से जगाया हमने
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




