हम और वह एक हैं मगर
हमारी कहानियाँ दो हैं,
एक उसकी कहानी जो उसके साथ है,
एक मेरी कहानी जो मेरे पास है।
मेरी कहानी में बचपन में बड़ा सा बनना है,
समय से पहले जिम्मेदारी में पड़ना है,
अनजान राहों पर मंजिल के लिए भटकना है,
पथरीले रास्तों पर नंगे पाँव चलना है,
ख़ुद को खो कर ख़ुद ही संभलना है,
राह में बिखरे कांटों से बच कर निकलना है,
समय से आगे, समय से पहले सोचना है,
अपने से पहले अपनों के लिए करना है।
उसकी कहानी में बचपन है, प्यार है,
चेहरे पर चमक और सपनों का संसार है,
चिंता न परेशानी, न ही कोई तकरार है,
उसकी कहानी में बेफ़िक्री बेशुमार है।
हम दोनों एक हैं मगर कहानी दो हैं,
फ़र्क सिर्फ इतना है कि
अपनी कहानी वह समझा नहीं पाया,
मेरी कहानी वह समझ नहीं पाया।
समय के साथ हम यूं चल रहे हैं,
वो अपनी कहानी के साथ है,
हम अपनी कहानी से चल रहे हैं।
दोनों साथ हैं मगर कहानियाँ दो हैं,
उसकी कहानी उसके साथ है,
मेरी कहानी जो मेरे पास है।