उनके कदमों को मंज़िल मिले।
ख्वाब मुक़म्मल हो दिल खिले।।
चेहरे पर खुशी झिलमिलायेगी।
जब बिन मांगे बहरी फूल मिले।।
दिल से अपना मानने वाले कम।
जो भी मिले उन से उसूल मिले।।
पूरी जिंदगी नाम करते 'उपदेश'।
अगर उनके कदमों की धूल मिले।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद