सदियाँ बीती आज़ाद हुए
क्या मन से है आज़ाद सभी
जकड़ा अनदेखी बेड़ियों में
क्यों आज हर भारतवासी
आगे बढ़ने की दौड़ में
पीछे करने की होड़ में
भुला बैठे उन वीरों को
देश पर मर मिटे जो कभी
सदियाँ बीती आज़ाद हुए
क्या मन से है आज़ाद सभी
फिर से आया गणतंत्र दिवस
फहरा तिरंगा हर्षित हर मानस
पर क्या गणतंत्र मनाना है
राष्ट्र गान गाना, इतना ही?
सदियाँ बीती आज़ाद हुए
क्या मन से है आज़ाद सभी
हिंद के प्यारे दुलारों
टूट रहा आज देश, संभालो
बढ़ रहा द्वेष, पहचानो
मिटा जो देश, रहोगे तुम भी नहीं
सदियाँ बीती आज़ाद हुए
क्या मन से है आज़ाद सभी
चित्रा बिष्ट

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




