ध्वजारोहण करने से पहले विसंगतियों का अवरोहण करो,
जिन्होंने दी हैं कुर्बानी उन शहीदों को दिल से नमन करो,
तीन रंग हैं तिरंगे में देते हैं शिक्षा बड़ी-बड़ी,
मिल-झुल कर के साथ रहो,शांति-सद्भावना साथ खड़ी,
इसके तीन रंगों को अलग-अलग ना काटो,
भगवा हिंदु, सफेद ईसाई और हरा मुस्लिम में ना बाँटो,
बिना धर्म और जाति भेद के,आज़ादी की लडाई में सबने अपनी भूमिका निभाई,
चंद्र शेखर आज़ाद,भगत सिंह,अशफाकउल्ला और दादा भाई नैरोजी सभी ने क्रांति की मशाले जलाई,
सभी धर्मों की कुर्बानी से ही देश की यह आज़ादी आई,
इसलिए आज़ादी के बाद हमने धर्मनिरपेक्षता अपनाई,
हिंदू,मुस्लिम,सिख,ईसाई आपस में हैं भाई-भाई,
सभी ने यही बात सिखाई,
और किसी झंडे के नीचे हमने ना ऐसी एकता पाई,
इस तिरंगे की शान में शीश झुकते सारे मेरे हिंदुस्तानी भाई,
जय हिन्द।
जय भारत।
लेखक- रितेश गोयल 'बेसुध'