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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

देवतुल्य किसान

मेरे गुरु जी के मुखारविंद से निकला एक वाक्य देवतुल्य किसान जिसे आधार बनाकर मैंने यह पंक्तियां लिखी है
आशा करती हूं कि आप सभी को
पसंद आयेगी 🙏
🌸 देवतुल्य किसान 🌸
विश्व की भूख मिटाने को दिया अन्न का उपहार
यह है केवल तेरे अथक परिश्रम का परिणाम
आंखों में लिए नीर और होंठों पर मुस्कान
कमर तोड़ परिश्रम से धरती का देता सीना चीर
अन्न उगाता है तू "ओ देवतुल्य किसान"
तू करता विश्व का भरण-पोषण अविराम
पर अपने भरण-पोषण तरसता
दोनों हाथों से सब को खुशियां बांटता
पर तेरी ही खुशियां क्यों छीनता विश्व अविराम
प्रसुप्त ज्वालामुखी की तरह अन्दर ही सुलगता
कहीं हो ना जाए विस्फोट
ओ अन्नपूर्णा के वरद पुत्र तू खोना
नहीं धैर्य
क्यूंकि तेरे ही हाड़ तोड़ परिश्रम पर टिका है विश्व धरा यह धाम
मैलिक रचना
✍️#अर्पिता पांडेय




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

नतमस्तक प्रणाम 🙏किसानों को, और आपकी रचना को

Arpita pandey replied

Koti koti dhanyawad reena ji

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut sundar rachna pranaam sweekar karein

Arpita pandey replied

Dhanyawad sir ji 🙏🙏🙏🙏🙏

Bhushan Saahu said

Bahut achaa likha h..pr aJ kal kisano ka bo aadar bo prem nhi rha logo m.

Arpita pandey replied

Thank you saahu ji 🙏

Uma Shri said

Uttam rachna Jay Kisaan!!

Arpita pandey replied

आपका बहुत बहुत धन्यवाद

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

किसानों को नमन, वंदन , अभिनंदन! बहुत बढ़िया, वाह !

Arpita pandey replied

Thank you so much sir ji sadar naman

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