मेरे गुरु जी के मुखारविंद से निकला एक वाक्य देवतुल्य किसान जिसे आधार बनाकर मैंने यह पंक्तियां लिखी है
आशा करती हूं कि आप सभी को
पसंद आयेगी 🙏
🌸 देवतुल्य किसान 🌸
विश्व की भूख मिटाने को दिया अन्न का उपहार
यह है केवल तेरे अथक परिश्रम का परिणाम
आंखों में लिए नीर और होंठों पर मुस्कान
कमर तोड़ परिश्रम से धरती का देता सीना चीर
अन्न उगाता है तू "ओ देवतुल्य किसान"
तू करता विश्व का भरण-पोषण अविराम
पर अपने भरण-पोषण तरसता
दोनों हाथों से सब को खुशियां बांटता
पर तेरी ही खुशियां क्यों छीनता विश्व अविराम
प्रसुप्त ज्वालामुखी की तरह अन्दर ही सुलगता
कहीं हो ना जाए विस्फोट
ओ अन्नपूर्णा के वरद पुत्र तू खोना
नहीं धैर्य
क्यूंकि तेरे ही हाड़ तोड़ परिश्रम पर टिका है विश्व धरा यह धाम
मैलिक रचना
✍️#अर्पिता पांडेय

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




