बात ना हो पाने पर कुछ मलाल लगता।
रील की झलक से रिश्ता बहाल लगता।।
यादो का झोंका अजीब काम कर गया।
दिल में तरंगो का खुशनुमा हाल लगता।।
बड़े जतन से जिसको सम्भाला दोनों ने।
इस पड़ाव पर जाने क्यों बवाल लगता।।
एक उम्र काट दी सहयोग भरपूर मिला।
अब जिक्र-ए-वफ़ा से डर का हाल लगता।।
परेशान मेरा ख्वाब जाये ना कहीं बिखर।
यही सोच सोचकर 'उपदेश' बेहाल लगता।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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