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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

चिट्ठी

आज मैंने भेजी उसे अपनी आखिरी चिट्ठी,
अरसे पहले भेजी थी,मैंने उसे अपनी पहली चिट्ठी।
आज मैंने........................पहली चिट्ठी।

आज भी हाल वही है हमारा जो था पहली चिट्ठी भेजने पर (2)
धड़कनें तब भी बड़ी हुई थी,
धड़कनें अब भी बड़ी हुई है।

आज मैंने भेजी उसे अपनी आखिरी चिट्ठी,
अरसे पहले भेजी थी, मैंने उसे अपनी पहली चिट्ठी। आज मैंने.......................पहली चिट्ठी।

हजारों चिट्ठियां गई उसके घर मेरे नाम से (2)
एक भी चिट्ठी ना आई मेरे घर उसके नाम से, आज तो आखिरी चिट्ठी थी मेरी
पर ना आई पहली चिट्ठी पर उसकी कोई चिट्ठी,
और ना ही आई आखिरी चिट्ठी पर उसकी चिट्ठी।

आज मैंने भेजी उसे अपनी आखिरी चिट्ठी,
अरसे पहले भेजी थी, मैंने उसे अपनी पहली चिट्ठी। आज मैंने.....................पहली चिट्ठी।

जब भेजी मैंने उसे पहली चिट्ठी दिल को सुकून महसूस हुआ(2)
लगने लगा आयेगी उसकी भी मेरी पहली चिट्ठी पर चिट्ठी,
जब भेजी आखिरी चिट्ठी तब भी महसूस ऐसा ही हुआ,
पर ना आई तब भी चिट्ठी
और ना आई अब भी चिट्ठी।

"रीना कुमारी प्रजापत "




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

ताज मोहम्मद said

अति सुन्दर रचना।

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया

फ़िज़ा said

बेहद सुन्दर रचना बहुत अच्छा लगता है आपकी लिखी हुयी रचनाओं को पढ़कर आपका कैसे शुक्रिया करूँ

रीना कुमारी प्रजापत replied

नहीं जी शुक्रिया तो हम कैसे करे आपका आप हमारी कविताएं पढ़ती है उन पर अपनी सुंदर सुंदर प्रतिक्रियाएं देती है शुक्रिया की हकदार तो आप हैं तह ए दिल से बहुत बहुत शुक्रिया फिजा जी आपका

Vineet Garg said

बहुत ही भावुक रचना🥺🥺प्यार में यह भी होता है 😔

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

आपकी श्रेष्ठ रचनाओं में से एक

रीना कुमारी प्रजापत replied

धन्यवाद!

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