कापीराइट गीत
दोस्तो, मैंने परसों वन्दना सूद और रीना कुमारी प्रजापत से एक लोरी लिख कर सुनाने का वादा किया था, उसी वादे के अनुसार आज पेश है एक लोरी -
सो जा मेरी आंख के तारे सो जा राजदुलारे
कब से तुझ को निंदिया रानी दे आवाज पुकारे
आज न जाने कहां गई, रूठ के नींद तुम्हारी
निंदिया रानी से कह दो, वो ले-ले नींद हमारी
सपनों की मीठी दुनियां, कब से राह निहारे
सो जा मेरी ---------------------
मैं देख रही हूं अब सपना, तेरे बड़े होने का
एक दिन अपने पैरों पर, तेरे खड़े होने का
होंगे कब सपने पूरे, दिल यही बात विचारे
सो जा मेरी ------------------------
नाम कमाना तू जीवन में, फैला कर उजियारा
सेवा मेरी तुम करना, बन कर मेरा सहारा
ऐसा सपना दे निंदिया, सच हों ख्वाब हमारे
सो जा मेरी ------------------------
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है