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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

वात्सल्य भरी एक लोरी

कापीराइट गीत

दोस्तो, मैंने परसों वन्दना सूद और रीना कुमारी प्रजापत से एक लोरी लिख कर सुनाने का वादा किया था, उसी वादे के अनुसार आज पेश है एक लोरी -

सो जा मेरी आंख के तारे सो जा राजदुलारे
कब से तुझ को निंदिया रानी दे आवाज पुकारे

आज न जाने कहां गई, रूठ के नींद तुम्हारी
निंदिया रानी से कह दो, वो ले-ले नींद हमारी
सपनों की मीठी दुनियां, कब से राह निहारे
सो जा मेरी ---------------------

मैं देख रही हूं अब सपना, तेरे बड़े होने का
एक दिन अपने पैरों पर, तेरे खड़े होने का
होंगे कब सपने पूरे, दिल यही बात विचारे
सो जा मेरी ------------------------

नाम कमाना तू जीवन में, फैला कर उजियारा
सेवा मेरी तुम करना, बन कर मेरा सहारा
ऐसा सपना दे निंदिया, सच हों ख्वाब हमारे
सो जा मेरी ------------------------

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

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रीना कुमारी प्रजापत said

वाह! दिल खुश हो गया, लगता है अब नींद आ जायेगी। देखते है आज आती है या नहीं आती है नींद, लोरी बहुत ही ज़्यादा खूबसूरत है, माफ कीजिए पर शायद आप भूल गए ये वादा आपने मुझसे और श्रेयसी जी से किया था वंदना जी से नहीं🙏प्रणाम सुप्रभात

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात मेरी प्यारी बहना। माफी चाहता हूं आपसे, याददाश्त थोड़ी कमजोर हो गई है, इसलिए श्रेयसी जी की जगह वन्दना जी का नाम लिखा, याद दिलाने और भूल सुधारने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया। इतनी सुन्दर तारीफ के लिए आपको हार्दिक प्रणाम।

श्रेयसी said

बहुत-बहुत आभार। पर कभी-कभी लिखने वाले की आपबीती नहीं कल्पना की अतिशयता भी होती है और रचना पर मैं कुछ भी बोलूँ कैसे सूरज को दीया दिखाऊँ कैसे ? सादर प्रणाम 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आदरणीय श्रेयसी जी धन्यवाद सहित नमस्कार और सादर प्रणाम।

कमलकांत घिरी said

बहुत ही सुंदर लोरी है सर जी👌👌👏👏🙏 प्रणाम 🙏

Lekhram Yadav replied

बहुत बहुत शुक्रिया कमलकांत भाई।

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