आज
सुना है, चोरों की बारात निकाली जाएगी।
मगर दूल्हा, हवालात में है।
चल रहे हैं, लात घूंसे, सवालात में है।
भ्रष्टाचारियों का मुखिया बनता है,
सुना है आज जेल की कोठारिया में है।
रंग बदल गया है चेहरे का,
खुलते बक्सों के के मेले का।
भ्रष्टाचार की एक एक परत खुल रही है,
नए-नए नाम और चेहरे की असल मिल रही है।
मुंह छुपाए भाग रहे हैं इधर से उधर,
समझ नहीं आता भागे किधर।