लोग मिलकर साजिशें करते रहेंगे रोज ही
हम भी अपनी कोशिशें करते रहेंगे रोज ही
हल नहीं होगा ये मसला जानते हैं हम इसे
बस कुछ नई फरमाइशें सुनते रहेंगे रोज ही
झील में फेंका है कंकर क्यूं भला यूं रात में
नींद में गाफिल जलचर जगते रहेंगे रोज ही
यूं गलतफहमी में रहना दास जैसे खुदकुशी
बिन हवा पानी के गुल खिलते रहेंगे रोज ही
मौसमों का क्या भरोसा आजकल हालात हैं
चाँदनी में रहकर भी हम जलते रहेंगे रोज ही

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




