बीता हुआ जमाना वापस चाहते हैं लोग फिर
जीवन वही पुराना वापस चाहते हैं लोग फिर
माना के जिन्दगी में बहुत है अब ऐशो आराम
रिश्ते मगर अब शायराना चाहते हैं लोग फिर
हर जगह की भीड़ से उकता गए हैं शहरी लोग
गांव का ताज़ा देशी खाना चाहते हैं लोग फिर
धरती के सीने पे दलती दाल है ऊँची इमारत
सिर्फ घर हो एक ठिकाना चाहते हैं लोग फिर
दास दुनियां गोल है तो वापस वहीं पहुंचेंगे हम
वक्त को फिर से दोहराना चाहते हैँ लोग फिर II