New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

ग़र इश्क़ नहीं होता - प्रेम गीत - वेदव्यास मिश्र

ग़र इश्क़ नहीं होता,
तो करते क्या ज़माने में !!
शायर भी भला कैसे,
रंग भरते तराने में !!

बिन आँखों की भाषा के,
इज़हार कहाँ होता !!
चाहत के सिवा कहिये,
रक्खा क्या ख़जाने में !!

जीते तो मगर जीने में,
रंगत ही नहीं होती !!
रब दिखता भी तो कैसे,
आँखों के फसाने में !!

- काव्य प्रेम गीत वेदव्यास मिश्र की कलम से..


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (9)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

वाह! बहुत खुबसूरत रचना 👏👏👌👌✍️✍️🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

अब तबीयत कैसी है आपकी ?

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, हार्दिक आभार मैम..अब पहले से बेहतर हूँ !! बस ये मौसम की वजह से ऊँच-नीच लगा हुआ है !! नमस्कार 🙏💖💖🙏

वन्दना सूद said

बहुत सुन्दर👏👏

वेदव्यास मिश्र said

वन्दना सूद जी, नमन आभार आपका 🙏💝💝🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बहुत खूबसूरत गीत आचार्य जी - प्रणाम स्वीकार करें

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' जी, आभार एवं शुभाशीष भाई अशोक जी !! आशा है आप स्वस्थ होंगे !! 🙏🙏

कमलकांत घिरी said

ग़र इश्क़ नहीं होता, तो करते क्या ज़माने में... शायर भी भला कैसे, रंग भरते तराने में !! बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां सर जी आपको और आपकी इस रचना को सत सत नमन 👌👏✍️🙏प्रणाम🙏

वेदव्यास मिश्र said

कमलकांत घिरी जी, हमारा प्यार और विश्वास यूँ ही बनी रहे..नमन शुभाशीष सहृदय भाइ साहब 👌👌💝💝👌👌

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन