जब से मिलने लगी हैं,
धीरे -धीरे जांच पत्रावलीयां।
भ्रष्टाचारियों के दिल में,
उठने लगा है,भूचाल।
अब होगा क्या, एक सवाल आ गया है?
अब हर रिश्वतखोर भ्रष्टाचारी, दिवालिया हो गया है।
देखते हैं बैठकों में, मिठाई के डिब्बे तो पहुंचाओ।
फिर अपनी फाइलें, लेकर धीरे-धीरे आओ।
भ्रष्टाचार की बत्ती हो गई, गुल।।
अफसर है, ईमानदार बोला।
आप ही कर रहे हैं, बवाल।
मत बढ़ाइए अपने सवाल।
डिब्बे सहित ले जाईये, अच्छा सबक सिखलाइए।
बेईमानी का नहीं छोड़ते कोई मौका,
भ्रमित कर सभी को देते धोखा।
बेईमानी के धंधे में, लिप्त हैं आंख के अंधे।
न्याय व्यवस्था में लगाकर पलीता,
कर रहे हैं नए-नए धंधे।