कविता : दुख और ठोकर....
जीवन में कभी
दुख न पाए
जीवन में कभी
ठोकर न खाए
अगर जीवन हर बखत
सभी का ऐसे होगा
दुख और ठोकर का एहसास
फिर हम को कैसे होगा ?
दुख और ठोकर का एहसास
फिर हम को कैसे होगा.......?
netra prasad gautam