घाव भर गए
निशान छोड़ गए
कम दिनों में बहुत
मलाल छोड़ गए
वक्त रुका ही नही
लम्हा अटक गए
दो कदम क्या चले
रास्ता ही भटक गए
मैंने लिखा कुछ उसने
फिर सफ़हा पलट गए
किस्मत की बात 'उपदेश'
पल आए पल कट गए
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद