तुम्हारे पास है क्या जाहिर नही करते।
खामोश बैठे हो चर्चा क्यों नही करते।।
ज़िस्म अच्छा है पत्थर की तरह दिल।
मिजाज के हसीं वफा क्यों नही करते।।
बाते हवा की तरह उड़ाते इधर-उधर।
घर में मोबाइल बात क्यों नही करते।।
इतना सताता नही घर में कोई अपना।
हर बात में हूँ हाँ साफ क्यों नही करते।।
अब तो जीने से मरना बेहतर 'उपदेश'।
प्यासी ही मरूंगी पता क्यों नही करते।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




