बस इशारा कर दिया होता
मुकम्मल नहीं इश्क़ हमारा, बस बता दिया होता।
खुदा से छिन लाते उन्हें, जिसमें तुम्हारा नाम होता।।
दिल-ए-आलम क्या बताए, जो हमारे बस में नहीं।
हो जाओ हमसे दूर, बस इतना ही कह दिया होता।।
कहता है नूर-ए-इश्क़ हमारा, वो तेरे बस में नहीं है।
कोशिश भी न करते, मेरे काबिल नहीं बता दिया होता।।
चाहत भी नहीं जगाते इश्क़ की, तुम्हारी अदाओं पर।
तुम न देखो हमको ऐसे, बस इशारा कर दिया होता।।
– सुप्रिया साहू