सब भूल गई
की कुछ याद है !
मोहब्बत अभी भी
क्या बरक़रार है ?
क्या अभी भी तुम
मेरा इंतज़ार करती हो ?
कॉफी शॉप में बैठ कर
घंटों घंटों काफी पीती हो ?
क्या वही गुस्सा तुम्हारा है ?
अंदाजे बयां क्या वही
पुराना है ?
अरसा हुआ तुमसे मिले हुए ।
दिल के अरमा खिले हुए।
दिखलाए थे तुमने जो
ख़्वाब सारे दबे हुए।
एक बार मिलो तो
जानोगी।
क्यूं अरसा हुआ तुमसे मिले
हुए।
कुछ रीत रिवाज़
कुछ परिवार विचार
सबको तो देखना था।
फिर वक्त मिला ना मिला
पर तुमको भी तो देखना था।
लेकिन समय की तूफान में
सबकुछ नहीं बच पता है।
एक अकेला क्या करे ना करे
कुछ बचा पाता तो कुछ उड़ जाता है।
हैं यह जीवन की बरसातें
कोई गिला गिला तो कोई
सुखा सुखा हीं मर जाता है।
जीवन में सबकुछ नहीं मिलता
कुछ हासिल होता तो
बहुत कुछ पीछे छूट जाता है...
बहुत कुछ पीछे छूट जाता है....