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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

बन्धनों की पहचान

जरा पलट कर देखना
अपनी यादों को,
एक ही रिश्ते में समाए
कितने रिश्ते नज़र आएँगे।

माँ-बाबा के जैसे
न सारथी मिलेंगे और न ही दोस्त।
ये स्वार्थ के बन्धन नहीं हैं
फिर क्यों अनजानों में
इन्हें ढूँढने की नाकाम कोशिश करते हो?

साथ हँसने-रोने वाले बहुत मिल जाते हैं,
पर तुम्हारे गमों में भी
जो तुम्हें जीना सिखाएँ,
वो सिर्फ़ माँ बाबा ही हैं।

इनके रहते हुए ,
परायों से मन नहीं लगाया करते ..
वन्दना सूद


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

शिवचरण दास said

वाह वाह. .बंधन ही नहीं. .वंदन की भी पहचान

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

माॅं-बाबा जैसा निःस्वार्थ प्यार कहाॅं मिल सकता है! बिल्कुल सही कहा आपने! इंसान वो पेड़ है जिसकी जड़ें माॅं-बाप होते हैं!
रिश्ता कहाॅं कोई माॅं-बाप के समान!
माॅं अगर धरती है तो पिता आसमान!!

इक़बाल सिंह “राशा“ said

वन्दना जी
आपकी यह रचना माँ-बाबा के निश्छल प्रेम और उनके अनमोल स्थान को बड़ी सादगी और गहराई से व्यक्त करती है — सचमुच माता-पिता जीवन के सबसे सच्चे साथी हैं
आपको सादर नमस्कार

Lekhram Yadav said

बहुत खूबसूरत रचना, मगर हम आप के रिश्ते के इस बंधन में इस तरह जकङे हुए हैं कि इससे दूर जाने में असमर्थ होते जा रहे हैं। आपको सादर नमस्कार।

श्रेयसी said

वो सिर्फ़ माँ बाबा हीं हैं पूर्णतः सत्य वचन। बहुत ख़ूब 🙏🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

बन्धन को paribhashit करती रचना and

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