हमारे दर्द गूँगे हुए
जब से तुम बहरे हुए
मरहम पट्टी के बिना
जिस्म के घाव गहरे हुए
धूप क्या जाने परेशानी
तपती देह का रोना
मजदूरी चाहती रोटी
भूख से पेट इकहरे हुए
हमारे गाँव का सपना
बताना अच्छा नही लगता
शिक्षा की थी बदहाली
इलाज पर पहरे हुए
नशे में है बहुत ज़्यादा
अमीरी आपकी कमसिन
गर्त में ले जाएगी 'उपदेश'
सत्ता के बदसूरत चेहरे हुए
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




